ऐ ख़ुदा ये केसा सैलाब आया हैं,
मैं रोज़े से हूँ और महबूब बेनक़ाब_आया हैं ।।
कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में,
फिर भी फ़िज़ा को रंगीन बना देता हैं ।।
तेरी याद बिल्कुल मेरे परफ्यूम की तरह
है जब भी आती है ज़िन्दगी महक जाती है
वो साथ होते तो शायद सुधर भी जाते,
छोड़ कर उसने हमे आवारा बना दिया।
रिश्ते आजकल झूठ बोलने से नही,
बल्कि सच बोलने से टूटते हैं
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